
भारत में ज्यादतर व्यक्ति लोन रिकवरी वालो से परेशान हैं क्युकी वह उनको लोन के पैसे चुकाने के लिए धमकाते है और सबके सामने उनको बेइज़त भी करते है। जब भी कोई व्यक्ति बैंक से लोन लेता है और लोन और EMI में डिफ़ॉल्ट कर देता है तो बैंक लोन के पैसो को वापिस वसूलने के रिकवरी एजेंट की मदद लेती है।
बैंक थर्ड पार्टी रिकवरी एजेंट की मदद लेती है। यह वह व्यक्ति होते है जो आपसे वसूले गए लोन के पैसो का कमीशन लेते है। यह सिर्फ कमिशन के लिए काम करते है। बैंक इन्हे इसीलिए लोन वसूलने के लिए देता है क्युकी यह आपको धमकाते , आपका अपमान करके, आपको सबके सामने बेइज़त करके आपसे लोन के पैसो को वसूलते है। ज़्यदातर लोग इनकी धमकी और अपमान की वजह से आत्महत्या के बारें में भी सोच लेते है।
अगर आपने भी लोन लिया है और लोन की EMI डिफ़ॉल्ट किया है तो रिकवरी एजेंट आपको भी कर सकते है परेशान। इसीलिए RBI ने लोन रिकवरी एजेंट के लिए बनाये है नियम जिनके बारें में आपको पता होना चाहिए।
आपको भी रिकवरी एजेंट की धमकी और गाली गलौज से बचना है तो जान लो अपने अधिकार।
इस लेख में बताया जायेगा की अगर आपको रिकवरी एजेंट परेशान कर रहे है तो आपके अधिकार क्या है? आप उनकी धमकी और गाली गलौज का सामना कैसे कर सकते हो और उनके खिलाफ शिकायत कैसे कर सकते हो? RBI ने रिकवरी एजेंट के लिए क्या नियम लागू किये है? इन सभी बार्तो को आप इस लेख में पढ़ेंगे।
लोन रिकवरी अत्याचार तब होता है जब आप लोन की EMI में डिफ़ॉल्ट करते है फिर बैंक लोन की रिकवरी के लिए रिकवरी एजेंट को हाईयर करते है और वह लोन के पैसे वसूलने के लिए गलत तरीका अपनाते है जैसे धमकाना, गाली देना, अपमान करना यह सब लोन रिकवरी अत्याचार माने जाते है। लोन रिकवरी वालो का एक ही लक्ष्य होता है आपसे लोन के पैसे किसी भी तरह से वसूलना, चाहे वह कैसे भी वसूले जाए। इसलिए रिकवरी वाले अक्सर लोन लेने वाले व्यक्ति को धमकाते और उनके साथ बूरा व्यवहार करते है। इस तरह की हरकते व्यक्ति को मानसिक तनाव और पीड़ा दे सकती है। जिसके कारन लोग आत्महत्या करने तक उतर आते है।
अगर रिकवरी एजेंट आपको परेशान कर रहा है तो आपको इन कुछ बातो को जान लेना चाहिए : –
रिकवरी एजेंट के इन कामो को अत्याचार और गैरकानूनी माना जाता है : –
लोन का पैसा वसूलने वाले सभी प्रक्रिया को अवैध / गैरकानूनी नहीं माना जाता है। अगर बैंक आपको लोन दे रही है तो बैंक को लोन का पैसा कानूनी तौर पर वसूलने का अधिकार होता है। अगर किसी लोन की EMI चूक जाती है तो बैंक को RBI के नियमो के हिसाब से आगे क्या करना है इसका पालन करना होता है।
RBI के नियम कुछ इस तरह है : –
अगर लोन के भुगातन में चूक या देरी होती है तो बैंक को RBI के नियमो के हिसाब से लोन को वसूलने के लिए कार्रवाई करनी होती और आगे की प्रक्रिया को जारी रखन होता है जिससे की लोन को वसूला जा सके। बैंक लोन को वसूलने के लिए इन कदमो को उठाती है :
अगर आपके लोन की EMI में डिफ़ॉल्ट होता है तो बैंक का पहला काम होता है आपको डिफाल्ट नोटिस भेजना और उस नोटिस में यह बताना की आपका लोन क्यों डिफ़ॉल्ट हुआ, कब हुआ, लोन के कितने पैसे बचे है इन सभी के बारें में बैंक डिफ़ॉल्ट नोटिस में लिखकर आपको भेजता है।
यह वह समय होता है जब लोन की पूरी रकम को चुकाना होता है। अगर कोई व्यक्ति लोन की डेडलाइन से पहले लोन के पूरे पैसे चूका देता है तो उसको बैंक को कोई दंड या जुरमाना नहीं देना पड़ता है।
अगर आप बैंक से आये हुए नोटिस का जवाब नहीं देते हो और लोन की EMI में लगातार डिफ़ॉल्ट करते हो बैंक को अधिकार है की वह लोन के पैसे वसूलने के लिए रिकवरी एजेंट की मदद ले सकते है। बैंक रिकवरी एजेंट की मदद लेकर लोन के पैसो को वसूलती है। लेकिन रिकवरी एजेंट को RBI के नियमो के अनुसार काम करना होता है।
अगर आप लम्बे समय से लोन का पैसा नहीं चूका रहे है और EMI में डिफ़ॉल्ट कर रहे तो बैंक लोन का पैसा वसूलने के लिए कानूनी कार्रवाई भी कर सकता है इसकी वजह से आपकी संपत्ति पर भी कब्ज़ा हो सकता है।
अगर आप लोन के पैसो को नहीं चूका पा रहे है तो इससे आपके सिबिल पर असर पड़ता है और सिबिल ख़राब होने की सम्भावना होती है जिससे आपको भविष्य में लोन मिलना मुश्किल हो सकता है।
RBI ने लोन रिकवरी एजेंट की बढ़ती धमकियों और अत्याचारो के मामलो को ध्यान में रखते हुए। अब इनको रोकने लिए नियम जारी किये है। RBI ने रिकवरी एजेंट के इन बर्तावो को ध्यान में रखते हुए बैंक, NBFC और फिनटेक को भी जिम्मेदार ठहराया है। RBI के अनुसार बैंक को रिकवरी एजेंट नियुक्त करने के लिए इन नियमो का पालन करना चाहिए :
बैंक को रिकवरी एजेंट चुनने से पहले उसकी पूरी जांच कर लेनी चाहिए। जिन भी एजेंट को बैंक चुन रही है उनके पास आईडी कार्डऔर DRA सर्टिफिकेट होना चाहिए।
बैंक को लोन लेने वाले व्यक्ति को रिकवरी एजेंट के बारें में बताना चाहिए। रिकवरी एजेंट के पास बैंक के द्वारा दिया गया आईडी कार्ड, प्राधिकरण पत्र और नोटिस होना चाहिए।
बैंक के द्वारा दिए गए नोटिस और प्राधिकरन पत्र में रिकवरी एजेंट का फ़ोन नंबर होना चाहिए। बैंक को रिकवरी एजेंट के द्वारा की गयी कॉल का रिकॉर्ड होना चाहिए। बैंक लोन लेने वाले व्यक्ति को बता भी सकती है उनकी कॉल रिकॉर्ड की जा रही है।
हर बैंक के पास ग्राहक की लोन रिकवरी से जुडी शिकायतों का हल होना चाहिए। बैंक के पास यह सुविधा होनी चाहिए की वह ग्राहकों के शिकायतों का हल निकाल सके।
जब भी रिकवरी एजेंट आपके घर पर आता है तो उसे अपनी पहचान के बारें में बताना होता है। जब भी रिकवरी एजेंट आपके घर लोन रिकवरी के लिए आता है तो आपको सबसे पहले उसका आईडी कार्ड माँगना चाहिए , अगर वह ऐसा नहीं करता है तो आप उसकी शिकायत बैंक या फिर पुलिस में कर सकते है।
एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते आपको पता होना चाहिए की आपके अधिकार क्या है और लोन रिकवरी के मामले में उसका इस्तेमाल कैसे करते है। अगर आप लोन के जाल में फास गये है और रिकवरी एजेंट आपको परेशान कर रहा है तो उसके खिलाफ इन कदमो को उठा सकते हो :
आप बैंक को अपनी आर्थिक स्तिथि के बारे में बेझिझक बता सकते हो। बैंक आपको इसका कोई हल बताएगा और आपको लोन चुकाने के लिए कोई सुझाव देगा।
जब भी आप लोन लेते है तो पहले उस लोन के अग्रीमेंट में लिखे शर्तो और नियमो को अच्छे से पढ ले फिर उसके बाद अपने लोन के लिए अप्लाई करें ताकि बाद में आपको लोन से जुडी कोई दिक्कत नहीं हो सके।
अगर आपको लोन रिकवरी वाला परेशान कर रहा है और धमकी दे रहा है तो आपको उसका रिकॉर्ड रखना चाहिए। आप रिकवरी एजेंट के कॉल और इमेल्स का रिकॉर्ड रखें। ताकि बाद में अगर आप बैंक को शिकायत करते है तो यह सभी चीज़े सबूत के रूप में काम आती है।
अगर आपको नहीं पता है की इस स्तिथि को कैसे संभाला जाए तो आप किसी ऐसे व्यक्ति की मदद ले सकते जिसको इन सभी चीज़ो का ज्ञान हो। यह वह लोग होते है जो आपको लोन से निपटने, रिकवरी एजेंट से बात करने और भविष्य में आर्थिक संकट से बचने के लिए मदद कर सकते है।
अगर आपको रिकवरी एजेंट धमकी दे रहा, मानसिक तनाव, गाली गलौज, अपमान कर रहा तो आप उसके खिलाफ शिकायत कर सकते है। रिकवरी एजेंट की शिकाय करने के लिए आप कानून का सहारा ले सकते है।
इन कुछ तरीको से आप रिकवरी एजेंट के खिलाफ शिकायत कर सकते है :
आप पुलिस स्टेशन में जाकर रिकवरी एजेंट के खिलाफ शिकायत दर्ज कर सकते है। अगर पुलिस आपकी मदद नहीं करती है तो आप डिफ़ॉल्ट मेजिस्ट्रेट के पास जा सकते है।
अगर पुलिस आपकी मदद नहीं करती है तो आप RBI की मदद ले सकते है। आपको शिकाय करने के RBI को मेल लिखना है और अपने साथ हो रहे अत्याचारों को बताना है। RBI आपके साथ हो रहे अत्याचारों का समाधान निकालेगी और रिकवरी एजेंट के खिलाफ कार्रवाई भी करेगी।
अगर रिकवरी एजेंट आपके घर पर आपकी अनुमति के बिना आता है और आपसे लोन का पैसा वसूलने के लिए जबरदस्ती करता है तो आप उसके खिलाफ शिकायत कर सकते हो।
अगर रिकवरी एजेंट आपके घर पर आक्लर आपके साथ बतमीज़ी से बात करता है, आपके परिवार वालो के सामने आपका अपमान करता है और पूरे समाज के सामने आपके धमकी देता है तो आप उसके खिलाफ मानहानि का शिकायत दर्ज कर सकते हो।
आपको एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते अपने अधिकारो का पता होना चाहिए। अगर रिकवरी एजेंट आपके साथ बतसुलुकी से बात करता है आपको उसका जवाब कैसे देना है उसके बारें में पता होना चाहिए। अगर आपको लेख में बताये गए बातो की समझ होगी तो आप रिकवरी से निपट पायेंगे।
इस लेख में बताया गया है की लोन रिकवरी अत्याचार क्या होता है? रिकवरी एजेंट के कौनसे कामो को अत्याचार माना जाता है? लोन रिकवरी वालो के लिए RBI की गॉइडलाइन्स क्या है? बैंक लोन वसूलने के लिए क्या कदम उठा सकती है? RBI ने रिकवरी एजेंट के लिए क्या नियम बनाये है? क्या है आपके अधिकार और उनकी रक्षा कैसे कर सकते है? रिकवरी एजेंट के खिलाफ शिकायत कैसे करें? हमें आशा है की यह सभी बाते आपको सही से समझ आ गयी होंगी।
अगर आपको इस लेख से जुड़ा कोई भी सवाल पूछना हो तो आप हमें कमेंट कर सकते हैं, हमें आपके सवाल का जवाब देने में बेहद ख़ुशी होगी।